मंगलवार, 26 नवंबर 2013

जय हिन्द

यूँ देखो करते हैं चटुआई,
जम के करते हैं प्रभुताई,
वोट दीजै प्रभु शरणागत को,
चरण पकड़ के करत दुहाई।।

सज्जन को तो राम राम की,
दुर्जन को व्हिस्की बड़े काम की,
लगता दुनियाँ के पालक हैं,
मदद वाहनों से धूमधाम की।।

वर पायो जब पंचवर्ष का,
नित देखो करते ठगड़ाई
हमहीं प्रभु हैं,हमहीं हैं दाता,
हस कर लेते हैं अंगड़ाई।।

मुझे तो लगता ये नहीं हैं मानव,
लक्षण से दिखते हैं दानव,
हिन्द सभ्यता टूट चुकी अब,
है परिवर्तित दानव में मानव।।

है दूषित इनकी काया देखो,
नित गर्भित भव-माया देखो,
कदम-कदम पर रिश्वत-खोरी,
था जाल यही बस साया देखो।।

"मौर्य" कहत प्रतिकार करो अब,
कल्कि रूप अवतार करो अब,
त्राहि-त्राहि है चाहँुदिश छायो,
हिन्द को तारमतार करो अब,
दिनांक~~~~~~~~~२७/११/२०१३
~~~~~~~~~अंगिरा प्रसाद मौर्या
~~~~~~~~~APM
[साया - अल्प प्रभाव (पूर्ण प्रभाव सरेआम{प्रत्यक्ष} लूट-पाट या डकैती तो कर नहीं पाएंगे। अतः इनकी आज्ञा के शिकार जो कार्यकर्ता कार्य करते हैं उनपर एवं उनके कार्य पर इन दुर्जनों की ही साया रहती है।